विवाद से विश्वास योजना की शुरुआत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी 2020 को केंद्रीय बजट पेश करते समय की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विवादित कर मामलों को सरलता से निपटाना है। योजना के तहत, करदाताओं को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करना होगा, और इस भुगतान पर उन्हें किसी भी प्रकार का ब्याज या दंड नहीं देना होगा। इसका मतलब है कि अगर कोई करदाता किसी कर विवाद में फंसा हुआ है, तो उसे सिर्फ मूल कर राशि चुकानी होगी, अतिरिक्त जुर्माना या ब्याज नहीं। इससे करदाताओं को राहत मिलेगी और कर विवादों का त्वरित निपटारा हो सकेगा। विवाद से विश्वास योजना 2023 का विस्तार उन मामलों के लिए किया गया है जहां करदाता केवल विवादित कर राशि का भुगतान करके अपने मामलों को समाप्त कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य करदाताओं और सरकार के बीच विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है, जिससे कर प्रणाली में सुधार और कर विवादों की संख्या में कमी आ सके।
Vivad Se Vishwas Scheme 2024
विवाद से विश्वास योजना 2023 के अंतर्गत वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह योजना उन करदाताओं को लाभ पहुंचाएगी जिनके टैक्स से जुड़े मामले किसी भी फोरम में लंबित हैं। इस योजना का एक प्रमुख पहलू यह है कि आयकर रिटर्न प्रक्रिया को फेसलेस बना दिया गया है, जिससे करदाताओं के लिए अपील करना अब अधिक सरल हो गया है। फेसलेस प्रक्रिया के माध्यम से, करदाताओं की अपील करते समय उनकी पहचान गुप्त रहती है, जिससे गोपनीयता और सुरक्षा बनी रहती है।
हमारे इस लेख के माध्यम से हम आपको विवाद से विश्वास योजना 2020 के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे। इस योजना का उद्देश्य कर विवादों के समाधान में मदद करना है और करदाताओं को न केवल विवादित राशि का निपटारा करने का मौका देना है बल्कि साथ ही उन्हें बिना किसी अतिरिक्त ब्याज या दंड के अपने मामले को समाप्त करने की सुविधा भी प्रदान करना है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, कृपया इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और सुनिश्चित करें कि आप इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें।
2 अगस्त 2023 को वित्त मंत्री ने विवाद से विश्वास-2 योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य सरकारी और सरकारी उपक्रमों से संबंधित लंबित अनुबंध विवादों को सुलझाना है। इस योजना के तहत, उन घरेलू अनुबंध विवादों को ध्यान में रखा जाएगा जहां एक पक्ष सरकार या उसकी नियंत्रण वाली कोई संस्था होती है।
इस योजना के अंतर्गत, ठेकेदारों को अपने दावे 31 अक्टूबर तक प्रस्तुत करने होंगे, हालांकि, मंत्रालय ने ठेकेदारों को 25 अक्टूबर तक अपने दावे जमा करने का समय दिया है। योजना के अनुसार, 30 अप्रैल या उससे पहले के कोर्ट आदेशों में, देय राशि का 85% तक ठेकेदारों को वापस किया जाएगा। वहीं, 31 जनवरी या उससे पहले के अदालती निर्णयों में, यह राशि कोर्ट द्वारा निर्धारित राशि का 65% तक हो सकती है।
विवाद से विश्वास-2 योजना के प्रबंधन के लिए सरकारी खरीद पोर्टल GEM ने एक विशेष वेब पेज भी बनाया है, जहां ठेकेदार अपने दावे ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं के विवादों को तेजी से और पारदर्शी तरीके से निपटाना है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाया जा सके।
विवाद से विश्वास योजना का अंतिम अवसर
जैसा कि सभी को पता है, सरकार ने विवाद से विश्वास योजना को आयकर से संबंधित विवादों का समाधान करने के लिए शुरू किया था। इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2023 निर्धारित की गई है। पहले यह योजना मार्च 2020 तक प्रभावी थी, लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते इसे आगे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 तक किया गया है।
इस योजना का दायरा अब व्यापारिक विवादों को भी शामिल कर लिया गया है, जिसमें अपील, ट्रिब्यूनल और अदालतों के लंबित मामलों को भी शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत निर्धारित टैक्स राशि को जमा करने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2021 है।
योजना के लाभार्थियों को यदि वे निर्धारित टैक्स राशि का भुगतान करते हैं, तो उन्हें किसी भी प्रकार की पेनल्टी या दंड से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा, यदि लाभार्थी ने पहले ही टैक्स की राशि का भुगतान कर दिया है, तो उन्हें रिफंड भी प्राप्त होगा।
टैक्स सलाहकार श्री संतोष गुप्ता के अनुसार, इस योजना के तहत टैक्स की राशि जमा करने पर ब्याज, दंड और सजा से भी राहत मिलेगी। यदि कर चोर की स्थिति में विवादित आयकर की मांग 5 करोड़ रुपए से कम है, तो योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
हालांकि, यदि कोर्ट द्वारा सजा का फैसला सुनाया गया है, तो इस स्थिति में विवाद से विश्वास योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आयकर विभाग द्वारा इस योजना की सभी शर्तों को पूरा करने और निर्धारित राशि जमा करने पर लाभार्थियों को एक प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा।
Vivad Se Vishwas Scheme Details in Highlights
यहाँ आपके दिए गए विवरण को एक व्यवस्थित टेबल के रूप में प्रस्तुत किया गया है:
योजना का नाम | विवाद से विश्वास स्कीम |
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इसके द्वारा शुरू की गयी है | केंद्रीय वित् मंत्री निर्मला सीतारमण जी |
लॉन्च की तारीक | 1 फरवरी 2020 |
लाभार्थी | आयकर दाता |
भुगतान की तारीक | 30 जून 2020 |
विवाद से विश्वास योजना के तहत डिक्लेरेशन में संशोधन की अनुमति
आयकर विभाग ने विवाद से विश्वास योजना के तहत अब डिक्लेरेशन में संशोधन की अनुमति प्रदान कर दी है। संशोधन की अनुमति तब तक मान्य रहेगी जब तक प्राधिकृत बकाया बाकी हो और टैक्स भुगतान की पूरी जानकारी के साथ सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया हो। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक नई फ्रिक्वेंटली एस्क्ड क्वेश्चन (FAQ) की सूची जारी की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए गए हैं।
इस नई सूची के अनुसार, विवाद से विश्वास योजना का लाभ उन स्थितियों में नहीं लिया जा सकता जब आयकर निपटान आयोग के समक्ष कोई कार्यवाही लंबित है या यदि आईटीएससी के आदेश के खिलाफ कोई याचिका दायर की गई है।
यदि द्विपक्षीय समझौता प्रक्रिया का समाधान लंबित है या करदाता द्विपक्षीय समझौते के फैसले से असंतुष्ट है और उसे स्वीकार नहीं करता है, तो वह इस योजना के अंतर्गत अपील कर सकता है। इसके अलावा, करदाता केवल उन मामलों में डिक्लेरेशन कर सकता है जहां एडवांस रूलिंग प्राधिकरण (AAR) ने उसके पक्ष में फैसला दिया है और विभाग ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, और करदाता की आय का निर्धारण AAR के सामने हो चुका है।
कोविड-19 महामारी के चलते, सरकार ने विवाद से विश्वास योजना के अंतर्गत तीसरी बार भुगतान की समय सीमा को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है। अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको अपना डिक्लेरेशन 31 दिसंबर 2020 तक जमा करना होगा।
विवाद से विश्वास योजना का उद्देश्य
विवाद से विश्वास योजना का मुख्य उद्देश्य प्रत्यक्ष कर विवादों में कमी लाना है। इस योजना को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुरू किया गया है, जिसमें प्रत्यक्ष कर के विवादित मामलों का समाधान करने की व्यवस्था की गई है। योजना के तहत, करदाताओं को केवल विवादित कर राशि का भुगतान करना होगा और उन्हें इस पर लगे ब्याज और दंड से पूरी छूट मिल जाएगी। इस योजना के माध्यम से, करदाता मुकदमे की जटिल और थकाऊ प्रक्रिया से राहत प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, यह योजना करदाता और प्रशासन के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद करेगी और करदाताओं के अधिकारों को स्पष्ट करेगी।
विवाद से विश्वास योजना के लाभ लेने की समय सीमा
इस योजना के अंतर्गत करदाताओं को अपना टैक्स 31 मार्च 2020 तक जमा करना होगा। यदि कोई करदाता इस तारीख के बाद भुगतान करता है, तो उसे अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ेगा। योजना 30 जून 2020 तक प्रभावी रहेगी, और इस समयावधि के भीतर सभी आयकरदाता इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि विभिन्न अपीलीय मंचों, जैसे आयुक्त (अपील), ITAT, उच्च न्यायालय, और सर्वोच्च न्यायालय में प्रत्यक्ष कर संबंधी 4,83,000 मामले लंबित हैं, जिनका समाधान इस योजना के तहत किया जाएगा।
विवाद से विश्वास योजना की आवेदन प्रक्रिया
यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको समय पर अपने टैक्स का भुगतान करना होगा। वर्तमान में इस योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया की कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। जैसे ही योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध होगी, हम आपको अपने लेख के माध्यम से सूचित करेंगे। तब तक, कृपया थोड़ी प्रतीक्षा करें और अधिक जानकारी के लिए हमारे लेख को नियमित रूप से देखें।