ऑपरेशन ग्रीन योजना|opretion green yojana

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ऑपरेशन ग्रीन योजना भारत सरकार ने देश के किसानों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए ऑपरेशन ग्रीन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत प्याज, टमाटर और आलू के अलावा जल्दी खराब होने वाली अन्य फसलों को भी शामिल किया जाएगा। ऑपरेशन ग्रीन को वर्ष 2018 में लागू किया गया था। इसके तहत एक वैल्यू चेन का निर्माण किया जाएगा, जिससे किसानों को स्थिर मूल्य प्राप्त होगा और उपभोक्ताओं को कृषि उत्पाद उचित मूल्य पर मिल सकेंगे। इस योजना के प्रमुख उद्देश्यों में फसल के नुकसान को कम करना, मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करना और एक कुशल मूल्य श्रृंखला का निर्माण करना शामिल है।

ऑपरेशन ग्रीन योजना के माध्यम से किसान पूरे साल एक समान मूल्य पर अपनी फसल बेच सकेंगे, जिससे उपभोक्ताओं को भी सब्जियों के दाम में बड़े उतार-चढ़ाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, इस योजना के तहत फसल पर होने वाले बड़े उतार-चढ़ाव और दलालों द्वारा फसल को रोकने जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। इस लेख में हम ऑपरेशन ग्रीन योजना के बारे में, इसके अनुदान और कार्यान्वयन की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

ऑपरेशन ग्रीन मिशन: एक विस्तृत अवलोकन (Operation Green Mission)

भारत सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और फसलों की कीमतों में अस्थिरता को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ऑपरेशन ग्रीन मिशन की शुरुआत की है। पहले इस योजना में केवल आलू, प्याज और टमाटर जैसी प्रमुख फसलों को शामिल किया गया था, लेकिन अब इसके दायरे को बढ़ाते हुए कई नई फसलों को भी शामिल किया गया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत दिलाना और फसल के रख-रखाव में ट्रांसपोर्ट खर्च पर सहायता प्रदान करना है।

ऑपरेशन ग्रीन मिशन का उद्देश्य (Operation Green Mission Objective)

ऑपरेशन ग्रीन मिशन का मुख्य उद्देश्य किसानों के लाभ के लिए उच्च प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पहले से ही इसका कार्यान्वयन किया जा चुका है। इस योजना का हिस्सा बनने वाले कृषि उत्पादन संगठनों और कृषि परिषद को प्रसंस्करण सुविधाओं के साथ-साथ पेशेवर प्रबंधन को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे किसान लंबे समय तक लाभान्वित होंगे। अब, 2024 में, इस योजना के तहत 22 नए कृषि उत्पादों को शामिल करने की घोषणा की गई है, जिससे इसका प्रभाव और भी व्यापक होगा।

ऑपरेशन ग्रीन योजना का कार्यान्वयन (Operation Green Execution)

ऑपरेशन ग्रीन योजना के कार्यान्वयन का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India) ने लिया है। यह एजेंसी किसानों को उनकी फसलों पर आवश्यक सहायता प्रदान करती है और योजना के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करती है।

ऑपरेशन ग्रीन योजना के लाभ (Operation Green Plan Benefits)

ऑपरेशन ग्रीन योजना के कई लाभ हैं:

  1. प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव: यदि प्राकृतिक आपदा या जलवायु में बदलाव के कारण फसल को हानि होती है, तो योजना के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।
  2. वास्तविक मूल्य प्राप्ति: इस योजना के माध्यम से किसानों को अपनी फसल कम दाम पर बेचने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
  3. फसल की मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करना: योजना फसल के दाम में हो रहे उतार-चढ़ाव को कम करेगी और किसानों को उचित मूल्य पर फसल बेचने की सुविधा प्रदान करेगी।
  4. उच्च उत्पाद क्लस्टर और FPO का समर्थन: योजना के अंतर्गत उच्च उत्पाद क्लस्टर और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को बाजार से जोड़ने का कार्य किया जाएगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
  5. नए कृषि मंडियों का विकास: इस योजना के अंतर्गत लगभग 22,000 नई कृषि मंडियों का विकास किया जाएगा, जिससे किसानों की बाजार तक पहुंच आसान होगी।
  6. ऑनलाइन कृषि सेवा केंद्रों की स्थापना: 470 से अधिक ऑनलाइन कृषि सेवा केंद्र जल्द ही शुरू किए जाएंगे, जो किसानों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करेंगे।
  7. जलवायु संबंधित जानकारी: योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु संबंधित जानकारी भी किसानों को दी जाएगी।
  8. अनुदान और सब्सिडी: परिवहन और भंडारण के लिए सरकार 50% तक अनुदान प्रदान करेगी, जिससे किसानों को कम लागत में अपनी फसल को अन्य स्थानों पर ले जाने और सुरक्षित रखने में सहायता मिलेगी।

ऑपरेशन ग्रीन योजना में शामिल फसलें (Operation Green Plan Crops Included)

अब, 2024 में ऑपरेशन ग्रीन योजना में केवल प्याज, टमाटर और आलू ही नहीं, बल्कि 18 अन्य सब्जियों और फलों को भी शामिल किया गया है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के अनुसार, इस योजना में 8 सब्जियाँ और 10 फल जोड़े गए हैं। फलों में अमरूद, लीची, केला, कटहल, अनानास, संतरा, अनार, कीवी और पपीता शामिल हैं, जबकि सब्जियों में बैंगन, राजमा, गाजर, भिन्डी, शिमला मिर्च, करेला और फूलगोभी शामिल की गई हैं। खाद्य मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने संकेत दिया है कि भविष्य में योजना के दायरे को और भी बढ़ाया जाएगा और अन्य फलों व सब्जियों को भी शामिल किया जाएगा।

ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत आने वाले राज्य (Operation Green Plan States)

ऑपरेशन ग्रीन योजना, जो किसानों की आय बढ़ाने और फसल मूल्य में स्थिरता लाने के लिए शुरू की गई है, फिलहाल कुछ राज्यों में लागू की जा रही है। इस योजना को 2024 में अपडेट किया गया और इसके दायरे को बढ़ाया गया, जिससे अधिक राज्यों को इसमें शामिल किया गया है।

टमाटर उत्पादक राज्य (Tomato Producing States)

ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत टमाटर उत्पादक प्रमुख राज्यों में निम्नलिखित राज्य शामिल हैं:

  1. ओडिशा (Odisha): टमाटर की खेती के लिए जाना जाता है और यहाँ पर इस फसल का अच्छा उत्पादन होता है।
  2. गुजरात (Gujarat): टमाटर की खेती के लिए एक प्रमुख राज्य है, जो इस फसल के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  3. तेलंगाना (Telangana): यहाँ भी टमाटर की खेती व्यापक रूप से की जाती है।
  4. आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh): टमाटर उत्पादन में इस राज्य की महत्वपूर्ण भागीदारी है।
  5. कर्नाटक (Karnataka): टमाटर के उत्पादन में कर्नाटक भी एक प्रमुख राज्य है।

प्याज उत्पादक राज्य (Onion Producing States)

ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत प्याज उत्पादक राज्यों में निम्नलिखित राज्य शामिल हैं:

  1. महाराष्ट्र (Maharashtra): प्याज की प्रमुख फसल के रूप में यहाँ की खेती बहुत महत्वपूर्ण है।
  2. कर्नाटक (Karnataka): प्याज उत्पादन के लिए कर्नाटक भी एक महत्वपूर्ण राज्य है।
  3. गुजरात (Gujarat): प्याज की खेती में गुजरात का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

आलू उत्पादक राज्य (Potato Producing States)

ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत आलू उत्पादक राज्यों में शामिल हैं:

  1. गुजरात (Gujarat): आलू उत्पादन के लिए प्रमुख राज्य के रूप में यहाँ पर अच्छी खासी खेती की जाती है।
  2. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh): आलू की खेती में मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है।
  3. बिहार (Bihar): यहाँ पर भी आलू की फसल की अच्छी उपज होती है।
  4. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh): आलू उत्पादन में उत्तर प्रदेश एक प्रमुख राज्य है।
  5. पश्चिम बंगाल (West Bengal): आलू की खेती के लिए यह राज्य भी महत्वपूर्ण है।

इन राज्यों की सूची 2024 में अपडेट की गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ अधिकतम किसानों तक पहुँच सके और फसल की उचित कीमत और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।

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